Raj Kapoor Biography in Hindi | राज कपूर जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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वास्तविक नाम | रणबीर राज कपूर |
उपनाम | Showman of Bollywood |
व्यवसाय | अभिनेता, निर्माता और निर्देशक |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 170 मी०- 1.70 फीट इन्च- 5' 7" |
वजन/भार (लगभग) | 85 कि० ग्रा० |
आँखों का रंग | हेज़ल |
बालों का रंग | धूसर |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 14 दिसंबर 1924 |
जन्मस्थान | पेशावर (पाकिस्तान) |
मृत्यु तिथि | 2 जून 1988 |
मृत्यु स्थल | नई दिल्ली, भारत |
आयु (मृत्यु के समय ) | 63 वर्ष |
मृत्यु कारण | हृदयाघात (अस्थमा से पीड़ित होने के कारण) |
राशि | धनु |
हस्ताक्षर | |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | पेशावर (पाकिस्तान) |
स्कूल/विद्यालय | सेंट जेवियर्स कॉलेजिएट स्कूल, कोलकाता कर्नल ब्राउन कैम्ब्रिज स्कूल, देहरादून |
शैक्षिक योग्यता | कक्षा छठी फेल |
डेब्यू | एक बाल कलाकार के रूप में : फिल्म - इंकलाब (1935) एक निर्देशक के रूप में : फिल्म - आग (1948) |
परिवार | पिता - पृथ्वीराज कपूर (1906-1972) माता - रामशर्णी देवी कपूर (1908-1972) भाई - शशि कपूर (1938-2017) शम्मी कपूर (1931-2011) नंदी कपूर (मृत्यु: 1931) देवी कपूर (मृत्यु: 1931) बहन - उर्मिला सियाल कपूर |
धर्म | हिन्दू |
विवाद | • उनकी पत्नी कृष्णा नर्गिस, पद्मिनी और वैजयन्ती माला जैसी भारतीय नायिकाओं के साथ उनके सबंधों से काफी परेशान रहती थीं, जिसके चलते वह कई बार उनका घर भी छोड़ देती थीं। • वर्ष 1978 में, उन्होंने महान गायिका लता मंगेशकर से वादा किया कि वह उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर को फिल्म 'सत्यम शिवम सुंदरम' में संगीत निर्देशक के रूप में नियुक्त करेंगे। लेकिन जब लता मंगेशकर एक संगीत दौरे पर संयुक्त राज्य अमेरिका गई हुई थीं, तब उन्होंने इस फिल्म के लिए हृदयनाथ मंगेशकर की जगह लक्ष्मीकांत प्यारेलाल को संगीत निर्देशक के रूप में नियुक्त कर लिया। जिसके बाद लता मंगेशकर उनसे नाराज हो गईं। • उन्होंने छोटे कपड़ों में नायिकाओं से दृश्य करवाए, जिसमें उनकी त्वचा जरूरत से ज़्यादा प्रदर्शित की जा रही थी। यही नहीं उन्होंने अपने सह-कलाकारों के साथ अभिनेत्रियों के साथ अर्ध नग्न दृश्यों को भी शॉट किया। जो कि उस समय भारत में इतना सामान्य नहीं था। जिसके चलते उन्हें दर्शकों द्वारा कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। |
पसंदीदा चीजें | |
पसंदीदा भोजन | बिरयानी, चिकन करी, पाओ, अंडे, मुरी (फूला हुआ चावल) मूंगफली, छोटे समोसे, कारमेल कस्टर्ड |
पसंदीदा अभिनेता | दिलीप कुमार |
पसंदीदा अभिनेत्री | नर्गिस |
पसंदीदा संगीत वाद्ययंत्र | अकॉर्डियन |
पसंदीदा फ़िल्म | मेरा नाम जोकर |
पसंदीदा पेय | जॉनी वाकर ब्लैक लेबल व्हिस्की |
पसंदीदा संगीतकार | शंकर, जयकिशन |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति (मृत्यु के समय) | विवाहित |
गर्लफ्रेंड एवं अन्य मामले | नर्गिस (अभिनेत्री) वैजयन्ती माला (अभिनेत्री) पद्मिनी (अभिनेत्री) |
पत्नी | कृष्णा कपूर |
विवाह तिथि | मई 1946 |
बच्चे | बेटा : रणधीर कपूर ऋषि कपूर राजीव कपूर बेटी : रितु नंदा (उद्योगपति राजन नंदा से शादी की) रीमा जैन (निवेश बैंकर मनोज जैन से शादी की) |
राज कपूर से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- उनका जन्म पठानी हिन्दू परिवार में हुआ था।
- उन्हें 11 फिल्मफेयर ट्राफियां, 3 राष्ट्रीय पुरस्कार, ‘पद्म भूषण’, ‘दादासाहेब फाल्के पुरस्कार’ और ‘फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’, इत्यादि पुरस्कारों सम्मानित किया गया है।
- उनकी सुपर हिट फिल्में हैं- आवारा (1951), अनहोनी (1952), आह (1953), श्री 420 (1955), जागते रहो (1956), चोरी-चोरी (1956), अनाड़ी (1959), जिस देश में गंगा बहती है (1960), छलिया (1960), दिल ही तो है (1963), इत्यादि।
- वर्ष 1930 में, उनके पिता पृथ्वीराज कपूर अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने के लिए मुंबई आए, जहां उन्होंने कई मंच प्रदर्शन किए और इसके साथ ही वह 80 लोगों के एक समूह के साथ भारत भर में विभिन्न स्थानों पर यात्रा भी करते थे।
- वर्ष 1931 में, राज कपूर के भाई देवी कपूर का निमोनिया की बीमारी से निधन हो गया था और उसी वर्ष उनके दूसरे भाई का निधन बगीचे में बिखरी जहरीली चूहों को मारने वाली गोलियां निगलने से हुआ था।
- उन्होंने प्रसिद्ध हिंदी फिल्म निर्देशक किदार शर्मा के साथ एक क्लैपर बॉय के रूप में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की।
- एक बार जब राज कपूर ने किदार शर्मा की नकली दाढ़ी को गलती से पकड़ लिया, तब गुस्से में किदार शर्मा ने राज कपूर को थप्पड़ मार दिया था।
- अपने करियर के प्रारंभिक दिनों के दौरान वह एक संगीत निर्देशक बनना चाहते थे।
- वर्ष 1948 में चौबीस साल की उम्र में राज कपूर ने “आरके फिल्म्स” कंपनी को आरम्भ किया और जिसके अंतर्गत फिल्म “आग” का निर्देशन किया।
- राज कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर ने उनकी शादी अपने मामा की बेटी कृष्णा से करवाई।
- कृष्णा की बहन प्रेम चोपड़ा की पत्नी हैं और उनके भाई नरेन्द्र नाथ, राजेंद्र नाथ और प्रेम नाथ कृष्णा के बाद अभिनेता बने।
- जब वैजयन्ती माला उनके जीवन में आईं, तब उस समय कृष्णा अपना घर छोड़कर अपने बच्चों के साथ नटराज होटल में रहने लग गई थीं और जिसके बाद वह अपने पिता के घर चली गईं।
- उनके पुत्र ऋषि कपूर ने अपनी आत्मकथा ‘खुल्लम खुल्ला’ में राज कपूर के विभिन्न अभिनेत्रियों के साथ संबंधो का खुलासा किया है।
- उनके पहले बेटे रणधीर ने अभिनेत्री बबिता के साथ शादी की है और दूसरे बेटे ऋषि ने अभिनेत्री नीतू सिंह से विवाह किया है। प्रसिद्ध बॉलीवुड सितारे करिश्मा कपूर और करीना कपूर उनकी पोतियां (रणधीर कपूर और बबिता की बेटियां) हैं और प्रमुख अभिनेता रणबीर कपूर उनके पोते हैं (ऋषि और नीतू सिंह के बेटे)।
- रणबीर उनके पसंदीदा पोते हैं, एक बार रणबीर ने उन्हें रूस में जाने के समय एक सूट की मांग की और जिसके चलते राज कपूर वहां से उनके लिए सभी संभव रंगों में सूट के दो बैग लाए।
- उनकी बेटी रितु नंदा के बेटे निखिल नंदा ने श्वेता बच्चन से शादी की, जो प्रसिद्ध अभिनेता अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की बेटी हैं।
- दिलीप कुमार के साथ उनके बहुत अच्छे संबंध थे, जिसके चलते उन्होंने दिलीप कुमार की बारात की अगुवाई अपने पिता पृथ्वीराज कपूर और प्रसिद्ध अभिनेता देव आनंद के साथ की।
- फिल्म निर्माता विजय आनंद ने राज कपूर, दिलीप कुमार, और देव आनंद के साथ एक फिल्म निर्देशित करने की कोशिश की, लेकिन किसी कारणवश वह फिल्म नहीं बन पाई।
- वह विभिन्न देशों जैसे कि – चीन, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व, अफ्रीका, तुर्की, सोवियत संघ, इत्यादि में काफी प्रसिद्ध हैं।
- फिल्म ‘बॉबी’ का एक दृश्य जिसमें ऋषि कपूर अपने घर में डिंपल कपाड़िया से मिलते हैं, वह दृश्य राज कपूर और अभिनेत्री नरगिस के वास्तविक जीवन पर आधारित था।
- प्रसिद्ध गायकों मन्ना डे और मुकेश ने उनके गीतों को आवाज दी। मुकेश की मृत्यु के समय उन्होंने कहा कि “उन्होंने अपनी आवाज को खो दिया।”
- उन्हें प्रसिद्ध फ़िल्में आवारा (1951) और बूट पोलिश (1954) के लिए फ्रांस में आयोजित कांन्स फिल्म समारोह में “पालमे डी ऑर” पुरस्कार के लिए दो बार नामांकित किया गया।
- वर्ष 1956 में, उन्हें फिल्म “जागते रहो” के लिए कार्लोवी वेरी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (कार्लवी वेरी, चेक रिपब्लिक) में क्रिस्टल ग्लोब पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- वर्ष 1965 में, वह चौथे मास्को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में जूरी के सदस्य बने।
- उनकी एराउंड द वर्ल्ड (1966) और सपनों का सौदागर (1968) फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप थी।
- ‘मेरा नाम जोकर’ (1970) वह फिल्म थी जिसे उन्होंने स्वयं निर्देशित किया था और स्वयं ही निर्मित किया था। शुरुआती असफलताओं के बाद फिल्म सुपरहिट साबित हुई।
- उनकी फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ भारत की सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक है और यह पहली हिंदी फिल्म है जो दो अंतराल होने के बावजूद साढ़े चार घंटे चली थी। यह फिल्म उनके पुत्र ऋषि कपूर की पहली फिल्म थी।
- फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम के निर्माण के दौरान, जब राज कपूर एक उपयुक्त अभिनेत्री की खोज कर रहे थे, तभी ज़ीनत अमान एक गांव की पोशाक में उनके कार्यालय पहुंच गई थीं, जहां राज कपूर जीनत की प्रतिभा को देखकर काफी प्रभावित हुए और उन्हें फिल्म के लिए चुन लिया गया।
- जब वह खराब स्वास्थ्य से पीड़ित थे, तब उनके दोस्त और निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी ने राज कपूर के सम्मान में फिल्म ‘आनंद’ का निर्माण किया।
- वर्ष 1987 में, जब उन्हें सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में ‘दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड’ प्राप्त करने के लिए आमंत्रित किया गया था, तब उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद वहां जाने पर सहमति व्यक्त की और जब उनका नाम सम्मान प्राप्त करने के लिए घोषित किया गया, तब उन्होंने महसूस किया कि उनकी छाती बहुत तेज दर्द कर रही है, यह देखकर आर. वेंकटरमन (पूर्व भारतीय राष्ट्रपति) उन्हें मंच से नीचे ले गए। उनकी हालत इतनी खराब हो गई कि उन्हें तुरंत एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में ले जाया गया।
- उसके बाद एक महीने तक वह एक कृत्रिम श्वसन प्रणाली के द्वारा जीवन के लिए संघर्ष करते रहे। अंत में, महज 63 वर्ष की उम्र में हृदयाघात (दिल का दौरा) के कारण उनका निधन हो गया।
- अपने खराब स्वास्थ्य के समय वह फिल्म ‘हिना’ पर काम कर रहे थे, जिसे बाद में उनके बेटों ऋषि कपूर और रणधीर कपूर द्वारा पूरा किया गया था।
- मार्च 2012 में, बांद्रा बैन्डस्टैंड, मुंबई, वॉक ऑफ द स्टार्स में उनकी पीतल की प्रतिमा को रखा गया था।
- उनकी फिल्म “श्री 420”, “आग” और “जिस देश में गंगा बहती है” और उनका प्रसिद्ध गीत ‘मेरा जूता है जापानी’ देशभक्ति की भावना को जागृत करता है और यह इतने लोकप्रिय हैं कि आज भी इन्हें कई फिल्मों में फिल्माया गया है।
- राज कपूर ही शंकर जयकिशन (संगीत निर्देशक), शैलेंद्र (गीतकार) और हसरत जयपुरी (गीतकार) को फिल्म उद्योग में लेकर आए थे।
- उन्होंने एक साक्षात्कार में अपनी फिल्मों के बारे में बताए गए तथ्यों को समझाया: