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Manoj Kumar Sharma (IPS) Biography in Hindi | मनोज कुमार शर्मा जीवन परिचय

Manoj Kumar Sharma

जीवन परिचय
अन्य नामसिम्बा, सिंघम
व्यवसाय आईपीएस अधिकारी (IPS Officer)
शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग)से० मी०- 175
मी०- 1.75
फीट इन्च- 5’ 9"
वजन/भार (लगभग)किलोग्राम में - 65 किग्रा
पाउंड में - 143 पाउंड
आँखों का रंग गहरा भूरा रंग
बालों का रंग काला
सिविल सर्विसेज
सर्विसइंडियन पुलिस सर्विस (IPS)
बैच2005
कैडरमहाराष्ट्र
सेवा वर्ष22 अगस्त 2005 - वर्तमान
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 3 जुलाई 1975 (गुरुवार)
आयु (2023 के अनुसार)48 वर्ष
जन्मस्थान बिलगाँव चौधरी, मोरेना, मध्य प्रदेश, भारत
राशि कर्क (Cancer)
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर मोरेना, मध्य प्रदेश
स्कूलउन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मुरैना से की।
कॉलेज/विश्वविद्यालयमहारानी लक्ष्मी बाई गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, ग्वालियर, मध्य प्रदेश
शैक्षिक/योग्यता• महारानी लक्ष्मी बाई गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस से स्नातक
• एमए (इतिहास)
• पीएचडी (जर्नलिज्म) [1]Government of India
[2]Zee Business - YouTube

नोट: उन्होंने यूपीएससी और सीएसई की तैयारी के दौरान ही अपनी पीएचडी की पढ़ाई पूरी किया।
धर्मवह हिन्दू धर्म के अनुयायी हैं।
Manoj Jumar in a Lord Hanuman Temle
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थितिविवाहित
गर्लफ्रेंडश्रद्धा जोशी शर्मा (IRS officer)
A photo of Manoj with Shraddha taken during younger days

नोट: जब वह यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कर रहे थे, तब उन्होंने श्रद्धा को प्रपोज किया था। सूत्रों के मुताबिक, 12वीं में फेल होने के कारण मनोज श्रद्धा के साथ डेट पर जाने से डरते थे; हालाँकि, बहुत साहस जुटाकर उन्होंने श्रद्धा को प्रपोज किया था। उन्होंने कथित तौर पर श्रद्धा से कहा कि अगर वह उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लें, तो वह उनकी दुनिया बदलने के लिए बहुत मेहनत करेंगे। घर वालों के साफ मना करने के बाद भी श्रद्धा उनका साथ निभाया।
विवाह तिथि5 दिसंबर 2005
परिवार
पत्नीश्रद्धा जोशी शर्मा (IRS officer)
Manoj Kumar Sharma with his wife
बच्चेबेटा- मानस शर्मा
बेटी- चिया
Manoj Kumar Sharma with his wife and children
माता/पितापिता - रामवीर शर्मा (सेवानिवृत्त मप्र शासन कृषि विभाग कर्मचारी)
माता - नाम ज्ञात नहीं
Manoj Kumar Sharma with his wife and Mother
भाई/बहनमनोज के एक भाई और एक बहन हैं। जिनका नाम ज्ञात नहीं।

Manoj Kumar Sharma IPS

मनोज कुमार शर्मा से जुडी कुछ रोचक जानकारियां

  • मनोज कुमार शर्मा महाराष्ट्र कैडर के 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। अक्टूबर 2023 में उनकी लाइफ स्टोरी और स्ट्रगल पर विधु विनोद चोपड़ा ने “12वीं फेल” फिल्म बनाई। फिल्म रिलीज होने के बाद वह एक बार फिर सुर्खियों में आए।
  • उनका जन्म मध्य प्रदेश के विलगाव में एक माध्यम वर्गीय हिंदू परिवार में हुआ था।
  • उनके अनुसार, उनका परिवार बहुत गरीब तबके का था। उस समय वह अपने घर पे छत डालने के लिए सक्षम नहीं थे। यहाँ ताकि की उन्होंने कई रातें बेघरों के साथ सड़क पर बिताईं।
  • शुरुआती पढ़ाई के दौरान मनोज अपनी क्लास के छात्रों में (पढ़ाई) सबसे कमजोर थे। वह कक्षा 9वीं और 10वीं में तृतीय श्रेणी प्राप्त करने में सफल रहे। उन्होंने एक बार बताया था कि वह परीक्षा में नकल करने के बाद कक्षा 11 में तृतीय श्रेणी प्राप्त किया था।
  • एक साक्षात्कार में, उन्होंने कहा कि वह सभी विषयों में से केवल हिंदी में ही उत्तीर्ण हो पाए क्योंकि मध्य प्रदेश के मुरैना में एक नए सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) की नियुक्ति हुई, जिन्होंने स्कूलों और कानून प्रवर्तन को निर्देश दिया की छात्रों पर कड़ी निगरानी रखें ताकि नकल करने से रोका जा सके। जिसके चलते वह 12वीं कक्षा में फेल हो गए।
  • अधिकारियों को एसडीएम के निर्देशों का पालन करते देखने के बाद, मनोज ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षाओं में शामिल होकर एमपीपीएससी बनने का फैसला किया। सिविल सेवक बनने के लिए प्रेरित होने से पहले, मनोज ने अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकालने में मदद करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार में कम रैंकिंग और कम वेतन वाली नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए टाइपराइटिंग में एक कोर्स करने का फैसला लिया।
  • अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वह मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर आ गए। जब वह अपने घर से ग्वालीर के लिए निकले थे तब उनके जेब में सिर्फ 500 रूपए और एक कपड़े से भरा बैग था। वहां उन्होंने स्नातक की पढ़ाई के लिए महारानी लक्ष्मी बाई गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में दाखिला लिया। घर वालों से पैसा न मिलने पर उन्होंने ग्वालियर में ऑटो रिक्शा चलाने का काम करने लगे और साथ में पीसीएस परीक्षा की भी तैयारी करना शुरू कर दिया। ग्वालियर में रहने के दौरान उन्हें पता चला कि पीसीएस द्वारा प्रस्तावित पदों से अधिक पद हैं, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग – सिविल सेवा परीक्षा (यूपीएससी-सीएसई) की तैयारी शुरू कर दी।

    Manoj Kumar during his younger days

    Manoj Kumar during his younger days

  • ग्वालियर में टेम्पो चलाने के दौरान ग्वालियर पुलिस ने एक बार उनका टेम्पो पकड़ लिया था, जिसके लिए उन्होंने ग्वालियर सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के कार्यालय में जाकर उनसे आग्रह किया था कि वे पुलिस को बोले की उनका जप्त टेम्पो छोड़ दें।
  • कुछ सालों तक ग्वालियर में रहने के बाद वह नई दिल्ली चले गए, जहाँ वे मुखर्जी नगर में रहने लगे। दिल्ली में, आजीविका चलाने के लिए, वह मुखर्जी नगर के एक अमीर परिवार के पालतू कुत्ते को घूमाने के लिए 400 रुपये में नौकरी करना शुरू किया।
  • इसके बाद, उन्होंने एक पुस्तकालय में 300 रुपये के मासिक वेतन पर चपरासी के रूप में काम करना शुरू कर दिया। उनके अनुसार, लाइब्रेरी में काम करने से उन्हें बहुत मदद मिली क्योंकि इससे उन्हें उन किताबों तक पहुंच मिल गई जिन्हें वह पहले खरीद और पढ़ नहीं पाते थे। इसके साथ ही वह वॉशरूम क्लीनर की भी नौकरी की।
  • कुछ समय तक दिल्ली में रहने के बाद उन्होंने दृष्टि आईएएस के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति से संपर्क किया। विकास ने उन्हें बिना पैसे दिए सीएसई का ट्यूशन पढ़न के लिए कहा।
  • मनोज ने पहले ही प्रयास में प्रीलिम्स पास कर लिया; हालाँकि, वह मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफल नहीं हुए। दूसरे और तीसरे प्रयास में उनका प्रदर्शन खराब हो गया क्योंकि वह सीएसई की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने में असफल रहे।
  • मनोज कुमार शर्मा ने एक साक्षात्कार में स्वीकार किया कि अंग्रेजी में उनकी दक्षता सीमित थी और उन्हें भाषा समझने में कठिनाई होती थी। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) के दौरान एक विशिष्ट घटना को याद किया जहां उन्होंने गलती से आवश्यक विषय, “भारत में पर्यटन” के बजाय “भारत में आतंकवाद” पर एक निबंध लिख दिया था। शर्मा ने उल्लेख किया कि उन्होंने परीक्षा से पहले आतंकवाद पर एक निबंध याद किया था।
  • मनोज ने अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी सीएसई का एग्जाम पास किया और अखिल भारतीय रैंक 121 (एआईआर) हासिल की। ​​एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि एक साक्षात्कारकर्ता ने शुरू में उनके पिछले शैक्षणिक संघर्षों और सीमित अंग्रेजी दक्षता का हवाला देते हुए सिविल सेवाओं के लिए उनकी उपयुक्तता पर संदेह किया था। हालाँकि, उनके द्वारा अपनी राय साझा करने के बाद अन्य साक्षात्कारकर्ता उनके दृष्टिकोण से सहमत हुए।
  • इसके बाद, वह हैदराबाद, तेलंगाना में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एसवीपीएनपीए) में शामिल हो गए। वहां उन्होंने पुलिस अधिकारी बनने के लिए प्रशिक्षण लिया।
  • 22 अगस्त 2005 को मनोज कुमार शर्मा को प्रशिक्षण पूरा करने के उपरांत एक आईपीएस अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था।

    Manoj Kumar Sharma’s photo taken after he completed his police training at SVPNPA

    Manoj Kumar Sharma’s photo taken after he completed his police training at SVPNPA

  • श्रद्धा ने एक इंटरव्यू में कहा कि उनके माता-पिता शुरू में महाराष्ट्र कैडर में उनकी नियुक्ति के कारण, एक पुलिस अधिकारी बनने के बावजूद, मनोज से उनकी शादी करने के लिए तैयार नहीं थे। इस दौरान श्रद्धा जोशी शर्मा की पोस्टिंग पीसीएस अधिकारी के तौर पर उत्तराखंड के नैनीताल में हुई। उनके माता-पिता को मनाने के लिए, मनोज ने उन्हें आश्वासन देकर झूठ बोला कि उनकी शादी और सरकार को उनके विवाह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर, उन्हें कपल के आधार पर महाराष्ट्र से उत्तराखंड कैडर स्थानांतरण दिया जाएगा।
  • वह महाराष्ट्र में एक पुलिसकर्मी के रूप में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।

    Manoj Kumar Sharma’s photo in his police uniform

    Manoj Kumar Sharma’s photo in his police uniform

  • उन्होंने अवैध राजमार्ग टोल टैक्स वसूली और गन्ने की कीमत में वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को प्रभावी ढंग से संबोधित करके कोल्हापुर शहर में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में अधिकारियों की मदद की।

    Manoj (in the center) with his fellow police officers in Maharashtra

    Manoj (in the center) with his fellow police officers in Maharashtra

  • उन्होंने गढ़चिरौली, चंद्रपुर, गोंदिया, यवतमाल, भंडारा और नांदेड़ जैसे क्षेत्रों में नक्सलियों के खिलाफ कई अभियान चलाने में महाराष्ट्र पुलिस की सहायता की है।
  • 2015 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के सदस्य गोविंद पानसरे की अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा हत्या के बाद कोल्हापुर में दंगा जैसी स्थिति को नियंत्रित करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

    A photo of Manoj taken while he was addressing a crown during a protest

    A photo of Manoj taken while he was addressing a crown during a protest

  • उन्होंने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में उप महानिरीक्षक (DIG) के रूप में कार्य किया है।

    A photo of Manoj Kumar Sharma taken when he was serving in the CISF as DIG

    A photo of Manoj Kumar Sharma taken when he was serving in the CISF as DIG

  • DIG CISF के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद, उन्हें मुंबई पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ACP) के रूप में नियुक्त किया गया।

    A photo of Manoj Kumar Sharma with his colleagues

    A photo of Manoj Kumar Sharma with his colleagues

  • वर्ष 2021 में लेखक अनुराग पाठक ने मनोज कुमार शर्मा के आईपीएस अधिकारी बनने से पहले के दिनों के संघर्ष पर “बारहवीं फेल: हारा वही जो लड़ा नहीं।” नामक किताब लिखी।

    Cover page of Twelfth Fail Hara Vahi Jo Lada Nahi

    Cover page of Twelfth Fail Hara Vahi Jo Lada Nahi

  • मनोज को जीवन की चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा एलेक्सी मैक्सिमोविच पेशकोव (मैक्सिम गोर्की) और अब्राहम लिंकन जैसी हस्तियों की जीवनियाँ पढ़ने से मिली। अपनी यूपीएससी की तैयारी के दौरान, उन्होंने गजानन माधव मुक्तिबोध द्वारा लिखी गई कई किताबें पढ़ीं।
  • अक्टूबर 2023 में फिल्म निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने उनके जीवन पर आधारित “12वीं फेल” एक फिल्म बनाई। जिसमें विक्रांत मैसी ने आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की भूमिका निभाई।

    12th Fail

    12th Fail

सन्दर्भ

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