Suhas Lalinakere Yathiraj Biography in Hindi | सुहास लालिनाकेरे यथिराज जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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व्यवसाय | आईएएस अधिकारी और पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी |
जाने जाते हैं | पुरुषों के पैरा-बैडमिंटन फाइनल में इंडोनेशिया के हैरी सुसांतो को हराकर स्वर्ण पदक जीतने और उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी के रूप में |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 175 मी०- 1.75 फीट इन्च- 5’ 9" |
वजन/भार (लगभग) | 61 कि० ग्रा० |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
सिविल सर्विसेज | |
सर्विस | भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) |
बैच | 2007 |
कैडर | उत्तर प्रदेश |
प्रमुख पद | • 01/06/2008 से 23/09/2011 तक आगरा में एक सहायक कलेक्टर और सहायक मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत • 7/2/2011 से 21/5/2012 तक मथुरा में मुख्य विकास अधिकारी एवं अवर सचिव के रूप में कार्यरत • 23/9/2011 से 21/5/2012 तक महामाया नगर में भू-राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग में जूनियर स्केल पर जिला कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत • 22/5/2012 से 29/9/2012 तक सोनभद्र जिला में मजिस्ट्रेट और अवर सचिव के रूप में कार्यरत • 30/9/2012 से 20/9/2015 तक जौनपुर जिला में मजिस्ट्रेट और अवर सचिव के रूप में कार्यरत • 21/12/2015 से 23/5/2017 तक आजमगढ़ में जिलाधिकारी एवं उप सचिव के रूप में कार्यरत • 24/05/2017 से 25/10/2017 तक विशेष सचिव एवं उप सचिव के रूप में कार्यरत (जिला ज्ञात नहीं) • 26/10/2017 से 21/02/2019 तक प्रयागराज में जिलाधिकारी एवं उप सचिव के रूप में कार्यरत • 22/02/2019 से मार्च 2020 तक उत्तर प्रदेश में विशेष सचिव एवं उप सचिव के रूप में कार्यरत • मार्च 2020 में गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी नियुक्त हुए |
पैरा बैडमिंटन | |
हैंडेडनेस | दाहिने हाथ के खिलाड़ी |
पदक | गोल्ड मेडल • वर्ष 2016 में चीन के बीजिंग में आयोजित एशिया चैंपियनशिप पुरुष एकल में • वर्ष 2017 में तुर्की में आयोजित BWF टर्किश ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष एकल में • वर्ष 2017 में तुर्की में आयोजित BWF टर्किश ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष डबल्स में • वर्ष 2018 में भारत के वाराणसी में आयोजित राष्ट्रीय पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष एकल में • वर्ष 2019 में तुर्की में आयोजित BWF टर्किश ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष एकल में सिल्वर मेडल • वर्ष 2017 में जापान के टोक्यो में आयोजित BWF जापान ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष एकल में • वर्ष 2018 में तुर्की में आयोजित BWF टर्किश ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष एकल में • वर्ष 2019 में आयरलैंड के डबलिन में आयोजित BWF आयरिश ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष एकल में • वर्ष 2019 में चीन में आयोजित BWF चाइना ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष डबल्स में • वर्ष 2019 में डेनमार्क में आयोजित BWF डेनमार्क ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष डबल्स में कांस्य पदक • वर्ष 2017 में जापान के टोक्यो में आयोजित BWF जापान ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष डबल्स में • वर्ष 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित पुरुष एशियाई पैरा खेलों में • वर्ष 2019 में युगांडा में आयोजित BWF युगांडा ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष एकल में • वर्ष 2019 में थाईलैंड में आयोजित BWF थाईलैंड ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष एकल में • वर्ष 2019 में थाईलैंड में आयोजित BWF थाईलैंड ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष डबल्स में • वर्ष 2019 में चीन में आयोजित BWF चाइना ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष एकल में • वर्ष 2019 में डेनमार्क में आयोजित BWF डेनमार्क ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष एकल में • वर्ष 2019 में आजमगढ़ में आयोजित BWF जापान ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष एकल में |
पुरस्कार/उपलब्धियां (आईएएस अधिकारी रहते हुए) | • वर्ष 2016 में प्रधान मंत्री जन धन पुरस्कार में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें प्रधान मंत्री पुरस्कार के लिए चुना गया था। • उन्हें राजस्व मंत्री, यूपी सरकार और अध्यक्ष राजस्व बोर्ड द्वारा उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। साथ ही उन्हें यूपी राज्यपाल द्वारा चुनाव संबंधी कार्यों में अच्छे प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। • वर्ष 2016 में आजमगढ़ जिला में मजिस्ट्रेट कार्यकाल के दौरान उन्हें सिविल सेवा दिवस पर पीएम जन धन योजना में अनुकरणीय कार्य के लिए प्रधान मंत्री पुरस्कार के लिए चुना गया। |
पुरस्कार/उपलब्धियां (खेल में) | • वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें यूपी के सर्वोच्च नागरिक सम्मान "यश भारती पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। [1]News18 • वर्ष 2016 में उन्हें लखनऊ विश्व विकलांगता दिवस पर उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ पैरा स्पोर्ट्सपर्सन के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। • वर्ष 2017 में सुहास लालिनाकेरे यतिराज को लखनऊ पीबीएल (प्रीमियर बैडमिंटन लीग) के दौरान बीएआई (भारतीय बैडमिंटन संघ) के अध्यक्ष द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। • वर्ष 2017 में देश के लिए अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने पर उन्हें उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री द्वारा विशेष पुरस्कार और 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रशंसा प्रमाण पत्र दिया गया। |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 2 जुलाई 1983 (शनिवार) |
आयु (2021 के अनुसार) | 38 वर्ष |
जन्मस्थान | हसन, कर्नाटक, भारत |
राशि | कर्क (Cancer) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | जयपुर, राजस्थान |
स्कूल | डीवीएस इंडेपेंडेंट कॉलेज शिवमोग्गा, कर्नाटक |
कॉलेज/विश्वविद्यालय | एन.आई.टी. कर्नाटक |
शैक्षिक/योग्यता | • उन्होंने अपनी माध्यमिक स्कूली शिक्षा डीवीएस इंडेपेंडेंट कॉलेज शिवमोग्गा, कर्नाटक से पूरी की। • 2004 में उन्होंने एनआईटी से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
गर्लफ्रेंड | ज्ञात नहीं |
परिवार | |
पत्नी | रितु सुहास (जिन्हे वर्ष 2019 में मिसेज यूपी के रूप में चुना गया था, वह एक पीसीएस अधिकारी हैं) |
माता/पिता | पिता- स्वर्गीय यतिराज एलके (एक सरकारी कर्मचारी थे) माता- जयश्री सीएस |
भाई | शरथ एल वाई |
बच्चे | बेटा- विवान बेटी- सांविक |
बच्चे | बेटा- विवान बेटी- सांविक |
सुहास लालिनाकेरे यथिराज से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- सुहास लालिनाकेरे यथिराज एक भारतीय पेशेवर पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और 2007 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।
- सुहास यथिराज 2016 में पुरुषों के पैरा-बैडमिंटन खेल में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले भारतीय पैरा-बैटमिंटन खिलाड़ी थे।
- वर्ष 2016 में चीन के बीजिंग में सुहास एशियाई पैरा-बैडमिंटन चैम्पियनशिप श्रृंखला जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।
- इंडोनेशिया के फाइनल में उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी हैरी सुसांतो को हराकर एक और स्वर्ण पदक जीता, उस समय वह आजमगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में काम कर रहे थे। सुहास सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने 2016 में पुरुषों की पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
- एएनआई न्यूज से बातचीत के दौरान सुहास ने बताया कि बैडमिंटन उनके लिए एक आध्यात्मिक व्यायाम है। उन्होंने कहा-
मुझे अपने काम से प्यार है इसलिए मैं बैडमिंटन का अभ्यास करते हुए भी काम करते हुए नहीं थकता। बैडमिंटन मेरे लिए एक आध्यात्मिक व्यायाम है। यह मेरे लिए मेडिटेशन जैसा क्षेत्र है। हर किसी के पास दिन के 24 घंटे होते हैं, कुछ लोग करते हैं, कुछ लोग उसके लिए बहाना बनाते हैं।”
- 1 दिसंबर 2016 को सुहास यथिराज को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च सम्मान “यश भारती” से सम्मानित किया।
- 3 दिसंबर 2016 को सुहास लालिनाकेरे को विश्व विकलांग दिवस पर राज्य सरकार द्वारा पैरा-स्पोर्ट्स में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
- सुहास यथिराज को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल ने चुनावों से संबंधित कर्तव्यों में उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया था और उन्हें 2017 में राजस्व प्रशासन विभाग के प्रति उनके अनुकरणीय समर्पण के लिए राजस्व मंत्री और राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा सम्मानित किया गया था।
- वर्ष 2017 में यथिराज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए पदक जीतने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें बैटमिंटन प्रमाण पत्र से सम्मानित किया।
- 2017 के आम चुनाव में उनकी पत्नी रितु सुहास को मतदाता जागरूकता में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
- सुहास की सफलता का मंत्र है-
अपने दिल का अनुसरण करें क्योंकि विकलांगता दिमाग में रहती है।”
- वर्ष 2018 में एशियाई पैरा खेलों में कांस्य पदक जीतने के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देने के लिए सुहास यथिराज से मुलाकात की।
- मार्च 2018 में सुहास लालिनाकेरे ने पुरुष एकल वर्ग में स्वर्ण पदक जीता और उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित राष्ट्रीय पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप में दूसरे राष्ट्रीय चैंपियन बने।
- वर्ष 2019 में सुहास लालिनाकेरे ने उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में शपथ ली। इससे पहले वह प्रयागराज (इलाहबाद) जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत थे।
- सुहास यथिराज के पिता एक सरकारी अधिकारी थे इसलिए उनकी प्रारंभिक शिक्षा भारत के अलग-अलग शहरों में हुई।
- स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के एक साल बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी करना शुरू कर दिया था।
- एक मीडियाकर्मी से बातचीत के दौरान उन्होंने अपने पढ़ाई के सफर के बारे में बताया-
मैं इसके लिए भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं क्योंकि जब मैं पढ़ता था तो जिला कलेक्टर बनने के बारे में भी नहीं सोचता था। यह एक सपना सच होने जैसा था, फिर मुझे सिविल सेवा में भी भाग लेने का अवसर मिला।”
- 37 साल की उम्र में उन्होंने यूपी कैडर 2007 बैच की IAS परीक्षा पास की और भारत के पहले विकलांग IAS अधिकारी बने। IAS अधिकारी बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में हुई।
- पढ़ाई के दौरान सुहास के परिवार वाले चाहते थे कि सुहास बड़े होकर एक डॉक्टर बने, लेकिन उन्होंने इंजीनियरिंग के क्षेत्र को चुना।
- कोविड-19 महामारी (लॉकडाउन) के दौरान गौतम बौद्ध नगर में कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने के लिए उनके द्वारा दिन-रात की गई कड़ी मेहनत की काफी सराहना की गई। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा-
एक खिलाड़ी के रूप में मैंने सीखा है कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। संकट में आपको 20 घंटे भी काम करने के लिए तैयार रहना पड़ता है। ईमानदारी से काम करने पर ही आपको फल मिलेगा। मेरी टीम हमेशा सतर्क रहती है। हम आधी रात को आसपास के बैठकों में खुशी-खुशी भाग ले रहे थे।”
- एक इंटरव्यू के दौरान सुहास ने दिव्यांग बच्चों के माता-पिता से उनके भविष्य की उपलब्धियों और लक्ष्यों के लिए उन्हें प्रेरित करने की अपील की। उन्होंने कहा-
मैं सभी माता-पिता विशेषकर जिनके दिव्यांग पुत्र या पुत्री हैं, से अपील करना चाहता हूं कि कृपया अपने बच्चों को खेलों के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें इस विश्वास से भरें कि यदि वह प्रयास करते हैं तो वह कुछ भी हासिल कर सकते हैं। यहां जीत और हार होगी लेकिन वह कुछ भी हासिल कर सकते हैं।”
- सुहास लालिनाकेरे को 2020 टोक्यो पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया।
- 2020 टोक्यो पैरालंपिक में जाने से पहले एएनआई के साथ बातचीत के दौरान सुहास लालिनाकेरे ने अपने एक प्रशासनिक अधिकारी बनने और पैरालंपिक के सफर के बारे में बताया। उन्होंने कहा-
मैं सभी लोगों से, विशेषकर युवाओं से कहना चाहता हूं कि जीवन में जो कुछ भी करना है, उसे करने का प्रयास करें। क्योंकि कभी-कभी हम जीत जाते हैं कभी-कभी हम जीवन में हार जाते हैं, लेकिन प्रयास से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। मैं सभी युवाओं से यह कहना चाहता हूं कि मैंने सामान्य स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई की और मैं सिविल सर्विसेज में शामिल हो गया और अब मैं पैरालंपिक में जा रहा हूं।”